बंगाल के शिक्षा मंत्री का यह बयान राजनीति से प्रेरित ?


एक तरफ जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकारें शिक्षा के विकास और इसकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक करने के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं देश के पूर्वोत्तर राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को लेकर नया विवाद सामने आ रहा है। बिहार से सटे राज्य पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने राज्य में चलने वाले आरएसएस के विद्यालय को बंद करने का फैसला किया है। जहां तक ममता सरकार का सवाल है उनपर शुरु से ही कई मामलों में विवादित फैसला लेती रही है। 

ताजा विवाद है राज्य में चल रहे स्कूलों को लेकर। सरकार वैसे स्कूलों पर कार्रवाई करने जा रही है जिसका संचालन आरएसएस द्वारा किया जाता है। राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. पार्थ चटर्जी ने कहा है कि जो स्कूल लाठी-डंडे की ट्रेनिंग देते हुए पकड़े जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री का यह भी कहना था कि राज्य में धर्मांधता की शिक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे उग्र हिंदूवादी हो या उग्र मौलवादी, सरकार इसकी मान्यता नहीं दे सकती। सरकार ने ऐसे 125 से ज्यादा स्कूलों को बंद करने का भी नोटिस दिया है जो राज्य सरकार के बिना अनुमति के चल रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास 493 स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। जांच में पाया गया कि 125 स्कूल ऐसे हैं जो राज्य सरकार के अनुमति के बगैर ही चल रहे हैं। हालांकि चटर्जी ने स्पष्ट किया कि मुझे नहीं पता कि इसमें से कितने स्कूल आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में गलत शिक्षा दी जा रही है और लाठी-डंडों की पढ़ाई करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में केवल पढ़ाई के अलावा कुछ नहीं हो सकता।


राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री का यह बयान कि राज्य में आरएसएस के स्कूलों को बंद किया जाएगा। यह धार्मिक भावना से प्रेरित नजर आता है। राज्य सरकार पर इससे पहले भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने और किसी खास समुदाय को लुभावने वादे के जरिए लुभाने की कोशिश का आरोप लग चुका है। हाल के महीनों में पश्चिम बंगाल सरकार के इन फैसलों पर कोलकाता हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए रद्द कर दिया था। ममता सरकार पर किसी खास समुदाय को लाभ पहुंचाने और वोटों के खातिर रिझाने का आरोप लगता रहा है।

इन मामलों में राज्य सरकार और न्यायपालिका के बीच संघर्ष की स्थिति भी सामने आई थी। पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री ने केंद्र सरकार शिक्षा के बजट पर निशाना साधते हुए इसमें धन आवंटन कम करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान के तहत धन आवंटन में 30 फीसदी रकम पश्चिम बंगाल सरकार को प्राप्त होती है।

ममता सरकार का आरएसएस के स्कूलों के बारे में यह भी कहना है कि आरएसएस के स्कूल धार्मिक कट्टरता की शिक्षा दे रहे हैं। राज्य सरकार वामपंथी राजनीति और दक्षिणपंथी राजनीति से एक साथ लड़ रही है। इसी के साथ सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में चल रहे आरएसएस के स्कूलों को बंद किया जाएगा। राज्य सरकार का यह फैसला राजनीति से प्रेरित ज्यादा लग रही है। क्योंकि सरकार सिर्फ आरएसएस के स्कूलों पर डंडे चलाने की बात कर रही है।

राज्य सरकार का यह भी कहना है कि राज्य सरकार के सिलेबस के मुताबिक जो स्कूल शिक्षा नहीं दे रहे हैं उन स्कूलों को बंद किया जाएगा। वहीं सरकार मदरसा पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है। सरकार का कहना है कि मदरसा के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। मदरसा के प्रति राज्य सरकार का बयान किसी आश्चर्य से कम नहीं लग रहा है।

आज बंगाल की राजनीतिक स्थिति को देखा जाए तो ममता सरकार कभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। क्योंकि सरकार को पता है कि राज्य के कई इलाकों में अल्पसंख्यक निर्णायक स्थिति में हैं। वहीं राज्य सरकार यह भी कहना है कि जरूरत पड़ने पर सरकार कोर्ट भी जा सकती है।

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