जल्द ही देश में गठित होगा वैदिक शिक्षा बोर्ड


केंद्र सरकार देश में वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देने लिए और इस प्राचीन धरोहर को जीवंत बनाए रखने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार के ऐजेंडे में वैदिक शिक्षा बोर्ड के गठन का विषय भी शामिल है। एनडीए की सरकार आने के बाद तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय मंत्री स्मृति ईरानी ने वैदिक शिक्षा बोर्ड के प्रस्ताव पर विचार शुरू किया था।

सरकार के स्तर पर इस बात को लेकर मंथन जारी है। बता दें कि पूर्व चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी की समिति ने इस मुद्दे पर वैदिक अध्ययन को लेकर एक अलग बोर्ड बनाने का सुझाव सरकार को दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने हाल ही में कहा था कि दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में संस्कृत पुस्तकों, स्मृतियों और ग्रंथों का अध्ययन किया जा रहा है।

बता दें कि इस विषय पर देशभर से वेद विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षाविद मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। सभी ने इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को एक ज्ञापन भी सौंपा है। बता दें कि देश में अभी कई संस्थान हैं जो वेदों की पढ़ाई कराते हैं लेकिन सीबीएसई से अभी तक उन्हें मान्यता नहीं मिली है। उनके लिए एक नई व्यवस्था बनाने पर चर्चा की गई है।

शिक्षाविदों के मुताबिक, बदलते वक्त में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी देनी जरूरी है। शिक्षाविदो ने इसके लिए वैदिक पाठशाला स्थापित करने का सुझाव दिया है। शिक्षाविद एवं वेद विद्या गुरुकुल के संस्थापक पी के मित्तल ने कहा कि देश की संस्कृति को आगे बढ़ाने और दुनिया में इसके महत्व को स्थापित करने के लिए वेद परंपराओं के संरक्षण की जरूरत है जो धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।

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