उच्च शिक्षा से मोह भंग होता युवाओं का


युवा किसी भी देश की तस्वीर बदलने की क्षमता रखते है। आज भारत में युवाओं की संख्या 65 प्रतिशत है। जाहिर है युवाओं के इस विशाल जनसंख्या को यदि उचित मार्गदर्शन मिले तो निश्चित ही भारत की तकदीर बदल सकती है। आजादी के पहले भारत में बहुत कम संख्या में उच्च शिक्षण संस्थान थे। अब इसकी संख्या लगभग 500 के पार पहुंच चुकी है। जाहिर है उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ इसकी सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है लेकिन फिर भी सीटें खाली रह जाती है और अच्छे डिग्री कॉलेज भी गिने चुने ही है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-


·         संस्थानों की ज्यादा भीड़
·         फीस में बढ़ोतरी
·         उच्च शिक्षा में देर से रोजगार मिलना
·         समाज में उचित स्थान न मिलना
शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है लेकिन फीस में हुई वृद्धि के कारण ज्यादातर बच्चे शिक्षा से महरूम रह जाते हैं। अभी हाल ही में सरकार ने आईआईटी के सालाना फीस में बढ़ोतरी की है। इस बढ़ी हुई फीस का असर गरीब छात्रों पर जयादा पड़ता है जिस कारण वो शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं। 
      हमारे संस्थानों में जो कोर्स है वो बर्षों पुराने हैं। ज्यादातर कोर्स अब पुराने पर चुके हैं। उसके स्थान पर अत्याधुनिक शिक्षा प्रणाली अपनाने की जरूरत है लेकिन उस दिशा में कुछ खास प्रयास नहीं किए गए। उद्योगों तथा संस्थानों के मध्य बेहतर तालमेल नहीं होने के कारण तथा उच्च शिक्षा के बाद रोजगार की सफल गारंटी नहीं होने के कारण भी छात्र इस क्षेत्र में नहीं आना चाहते।
      भारत के विश्वविद्यालयों में सत्र अनियंत्रित होने के कारण भी छात्रों को परेशानी झेलनी फड़ती है। तीन साल के डिग्री को चार साल में, तो दो साल के डिग्री को तीन साल में प्रदान किया जाता है। परिक्षाएं समय पर नहीं होती है तथा परिणाम जो घोषित होता है वो भी त्रुटिपूर्ण होता है। इससे छात्रों का समय बेवजह ही बर्वाद हो जाता है।

      शिक्षा का व्यवसायिकरण भी इसका मुख्य कारण है। अनेक वित्तविहिन संस्थानों के कारण शिक्षा का व्यवसायिकरण हो गया। इस कारण शिक्षा के गुणवत्ता में गिरावट आई और छात्रों का उच्च शिक्षा से मोह भंग हो गया।

      उच्चतर शिक्षण संस्थानों में बुनयादी सुविधाओं का भी बहुत ज्यादा अभाव है। बिल्डिंग, अच्छे शिक्षकों का अभाव, बेहतर लाइब्रेरी इत्यादि का अभाव भी युवाओं को यहां से दूर ले जा रहा है। आशा करनी चाहिए कि आने वाले वक्त में सरकार इस तरफ ध्यान देगी और उच्च शिक्षा के लिए बेहतर प्रयास करेगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post
close